| 1. | पूँजीवादी समाज मेँ गरीब का कोई नहीँ होता....
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| 2. | महँगाई पूँजीवादी समाज में खत्म हो ही नहीं सकती।
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| 3. | पूँजीवादी समाज में ही आके ये क्यों सम्भव हुआ?
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| 4. | भ्रष्टाचार पूँजीवादी समाज की सार्विक परिघटना है।
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| 5. | पूँजीवादी समाज में परिवार का स्वरूप-कुमार अंबुज
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| 6. | यह नष्ट-भ्रष्ट हो चुका पूँजीवादी समाज है।
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| 7. | भ्रष्टाचार पूँजीवादी समाज की सार्विक परिघटना है।
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| 8. | पूँजीवादी समाज के कुल पदार्थ बेस्वाद लगते रहे ।
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| 9. | पूँजीवादी समाज में प्रेम संभव नहीं है।
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| 10. | पूँजीवादी समाज में प्रेम संभव नहीं है।
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